फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग - ६८ - २० सितंबर २०२५
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| इस सोमवार से माताजी की आराधना और शक्ति पर्व की शुरुआत हो रही है | माँ जगदम्बा आप सभी के जीवन में खुशिया लाये ऐसी शुभकामनाओ के साथ आज की कहानी शुरू करते है|
रात का अंधेरा दिल्ली की गलियों पर उतर चुका था। इंडिया गेट के पास एक काली SUV रुकी। ड्राइवर ने धीमे से कहा, “सर, वो आ गया है।”
SUV से एक शख्स उतरा — लंबा, सधा हुआ, आँखों में ऐसा ठहराव जैसे हर तूफान को पढ़ चुका हो। नाम? कोई नहीं जानता। पहचान? सिर्फ एक — “साया।”
वो वही था जिसने इब्राहिम के चारों धमाकों को नाकाम किया था। लेकिन अब खेल बदल चुका था। इब्राहिम खुद हिंदुस्तान की ज़मीन पर कदम रखने वाला था।
📍RAW के हेडक्वार्टर में साया की वापसी एक तूफान की तरह थी। पुराने फाइल्स खोले गए, इब्राहिम की हर चाल का विश्लेषण हुआ। साया ने कहा:
“इब्राहिम अब सिर्फ एक आतंकवादी नहीं है। वो एक सोच है — तबाही की सोच। उसे हराने के लिए हमें सिर्फ हथियार नहीं, हिम्मत और होश दोनों चाहिए।”
🧠 साया ने एक टीम बनाई — कोडनेम “वज्र।” इसमें थे:
- आरव — साइबर एक्सपर्ट, जो इब्राहिम के नेटवर्क में सेंध लगाने वाला था।
- माया — फील्ड एजेंट, जो इब्राहिम के मूवमेंट को ट्रैक करती थी।
- कैप्टन वीर — स्पेशल फोर्स कमांडर, जो आखिरी मोर्चे पर खड़ा रहने वाला था।
दूसरी तरफ: इब्राहिम का आगमन
✈️ एक प्राइवेट जेट राजस्थान के रेगिस्तान में लैंड करता है। इब्राहिम बाहर निकलता है — चेहरा ढका हुआ, लेकिन आँखों में वही जुनून।
“इस बार मैं खुद आग बनकर उतरूंगा,” उसने कहा।
उसके साथ थे चार नए लोग — विदेशी ट्रेनिंग पाए हुए, बिना नाम के, सिर्फ मिशन के लिए जिए हुए।
📦 उनके पास था एक नया डिवाइस — “ब्लैक डस्ट।” एक ऐसा विस्फोटक जो हवा में घुलकर पूरे इलाके को तबाह कर सकता था, बिना किसी आवाज़ के।
टकराव की शुरुआत
🔍 माया ने इब्राहिम की मूवमेंट को ट्रैक किया। एक संदिग्ध ट्रक जो जैसलमेर से दिल्ली की ओर बढ़ रहा था, उसमें कुछ था।
आरव ने ट्रक के GPS को हैक किया और साया को लोकेशन भेजी।
“वो दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। हमारे पास सिर्फ 6 घंटे हैं,” साया ने कहा।
💥 टीम वज्र ने एक ऑपरेशन प्लान किया — कोडनेम “शून्य रेखा।” लक्ष्य था: ट्रक को रोकना, इब्राहिम को ज़िंदा पकड़ना।
साया बनाम इब्राहिम
🌌 रात 2:00 बजे, दिल्ली के बाहरी इलाके में ट्रक रुका। इब्राहिम बाहर निकला — लेकिन उसे अंदाज़ा नहीं था कि साया वहीं छिपा हुआ था।
“बहुत दिन हो गए इब्राहिम,” साया ने कहा।
इब्राहिम मुस्कुराया, “तू फिर आ गया? इस बार तुझे खत्म करके ही जाऊंगा।”
⚔️ दोनों के बीच एक जबरदस्त फाइट हुई — हाथों में हथियार नहीं, लेकिन दिमाग में चालें थीं। साया ने इब्राहिम को घेर लिया, लेकिन तभी...
💣 इब्राहिम ने ब्लैक डस्ट का ट्रिगर दबा दिया।
“अब देख, कैसे तेरे देश की हवा भी तेरे खिलाफ हो जाएगी,” इब्राहिम चिल्लाया।
लेकिन साया ने पहले ही आरव को डिवाइस के कोड भेज दिए थे। आरव ने रिमोट से डिवाइस को डीएक्टिवेट कर दिया।
🚨 पुलिस और RAW की टीम मौके पर पहुंची।
अंत नहीं, शुरुआत है
🌅 अगली सुबह, 16 अगस्त। पूरा देश चैन की नींद सो रहा था। लेकिन साया जानता था — ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।
“जब तक सोच ज़िंदा है, तबाही का खतरा भी ज़िंदा है,” उसने कहा।
वो फिर गायब हो गया — एक साया की तरह।
अगले हफ्ते देखेंगे की क्या होगा| तब तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |
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