फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग - ५५ - १७ अगस्त २०२४
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लेकिन उससे पहले आप सबको स्वतंत्रता दिन की हार्दिक शुभकामनाये लेकिन कभी कभी सवाल होता है की क्या हम सचमे स्वतंत्र है? खेर इन सब पे हम अलग से बात करेंगे फ़िलहाल बात करते है जहा से लास्ट टाइम अटके थे|
लास्ट टाइम हमने देखा की कैसे इब्राहिम ने सब को खुद का गुलाम बना रखा था और साथ ही साथ युवाओ को भी गलत काम में जुड़ रहा था ताकि कोई उसका सामना न कर पाए | देश तो आज़ाद हो गया था लेकिन इब्राहिम ने सब को बंदी बना के रखा था सब जानते थे पर किसी में हिमत नहीं थी की उसके सामने लड़ पाए लेकिन फिर भी वो न जाने क्यों डर रहा था | इब्राहिम आज भी वो अनजान शख्स को ढूंढ रहा था और इसी दौरान भारत पाकिस्तान की मैच होने वाली थी लेकिन इस बार ने इब्राहिम को बता दिया की वो एक दुष्ट इस्लामिक है भारत में रहने के बावजूद उसने पाकिस्तान का साथ दिया|
क्रिकेट मैच की शुरुआत से ही सब लोग अच्छा खेल रहे थे और सब को लग रहा था भारत जीतेगा क्योकि ६० ओवर में कुछ २०० रन बनाना था और भारत के ओपनर्स ने ही ७५ बना दिए थे अब एक एक करके भी ३० ओवर में कुछ ५० रन ही थे | लेकिन इब्राहिम ने भारतीय खिलाड़िओ के परिवार वाले को बंदी बना दिया ताकि वो लोग हार जाये और पाकिस्तान जीते साथ ही साथ उसने लगाए करोडो रुपियो का भी वो अकेला हकदार बन जाये |
जैसे मानो की कोई मिरेकल हो पाकिस्तान की तरफ कुछ २ ओवर में ही भारत के ७ विकेट हो गई और अब आखरी दो लोग खेल रहे थे लेकिन जितने के लिए अभी भी ३० रन चाहिए थे लेकिन अपने परिवार के खातिर वो भी आउट हो गए और पूरा मैच पाकिस्तान को दे दिया| भारत पाकिस्तान का बटवारा तो कब का हो गया था लेकिन आज भी हिंदुस्तान में रह कर इनके दिल में कोई आग थी जो यहाँ रहकर ही सब को ख़त्म करना चाहता था और पूरा भारत उसके इशारो पे नचा रहा था|
मैच जितने के बाद एक हफ्ता इब्राहिम ने पार्टी की लेकिन एक हफ्ते बाद एक फोन आया की तेरे जैसा कायर नहीं देखा जो दुसरो के परिवार को धमका कर मैच दुश्मनो को दे रहा है पर कोई बात नहीं अब बहुत जल्दी अपनी मुलाकात होगी उस दिन तुजे ऐसी जगह ठोकूंगा की बैठने लायक नहीं छोडूंगा और सिर्फ तेरे श्वास ही चलेंगे | तेरा समय आ गया है अपनी गिनती शुरू कर और फोन कट गया | इससे पहले की इब्राहिम कुछ बोले फ़ोन तो कट गया साथ ही इब्राहिम के मन में एक डर और गुस्से की आग चली आखिर कोण था वो ? जो सब को बंदी बनाने वाले को इतनी निडरता से लड़ रहा था |
इब्राहिम की रातो की नींद हराम हो गई थी वो सोच रहा था कुछ टाइम के लिए वापिस दुबई चला जाए लेकिन वो ऐसे भागना नहीं चाहता था पर आखिर कोण था वो जिसने इसको चेलेंज दिया था | यह सब देखेंगे अगले हफ्ते तब तक आपको श्रवण तहेवारो की हार्दिक शुभकामनाये|
अगले हफ्ते तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |
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