फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग - ४९ - १७ फरवरी २०२४

 

 

 

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लेकिन उससे पहले आप सबको जय श्री राम. लास्ट २२ तारीख को हमारे रामजी हमारे अयोध्या में बिराजमान हुवे और इस जश्न में आप सबका साथ ने हमारे हिंदुस्तान को एक नई उचाई पर पंहुचा दिया इस बात हम सबको गर्व है|

 

लास्ट टाइम हमने देखा की कैसे इब्राहिम ने एक एक करके सबको अपना बंदी बना लिया था| वो कैसे बिल्डर्स को भी अपना हुक्म चलाके उससे भी प्रोटेक्शन मनी लेता था और कैसे पुरे हिंदुस्तान पे उसका इक्का ज़माने लगा था| अब पैसे तो मिल ही रहे थे साथ ही साथ वो अपने गलत धंधो की वजह से नाम और खौफ भी बना रहा था | उसका खौफ दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा था| अब एक ही चीज की कमी थी हर रात को उसको अयाशी के लिए नया पिंजरा और नए कबूतर चाहिए थे |

 

इब्राहिम ने गलत  कामो की दुनिया को जैसे अपना घर बना लिये हो उसी तरह से एक एक करके हर गलत काम करते रहा था | हर रात वो कोई भी डिस्को में जाता था और किसी भी लड़की को उठा के अपनी अयाशी खत्म करता था| हर रात उसकी एक नई रात होती थी और जो भी लड़की उसके पास आने में मना करे उसका या तो रेप हो जाता था या फिर उसकी नंगी लाश दूसरे दिन रेल की पटरी पे मिलती थी | उसके डर से आधी लड़किया घर से बहार निकलना बंध कर दिया था और बाकि बुरखा पहनके निकलने लगी थी|  अब उसका खौफ और अयाशी धीरे धीरे करके पुरे बम्बई में छनि लगी थी|

 

सपनो की दुनिया बम्बई और मस्तान भाई की महबूबा का पूरा नक्शा ही बदल गया था | अब वह पे लोगो को अपने सपने पुरे करने की वजह वह पे अपने मौत के लिए भेजा जा रहा था | जिस सपनो की दुनिया में काफी लोगो ने अपनी किस्मत बनाई वो लोग भी आज गुमशुदा होने लगे थे| इब्राहिम एक एक करके जुर्म की दुनिया को बढ़ाये जा रहा था लेकिन उसे यह नहीं पता था की कैसे वो इस गन्दी दुनिया का बादशाह बना था और इसका अंत कितना बुरा होगा| वो शायद भूल गया था की कैसे हर गलत काम का रास्ता जेल की दीवारों में ही होता है बल्कि उसे अब जेल की दीवारों से भी कोई फर्क नहीं पड़ता| उसने अपनी ताकत के लिए हर वो गुनगारो को अपनी टीम में शामिल करने लगा|

 

उसके अंडरवर्ल्ड का नेटवर्क बढ़ने के लिए वो हर वो जुर्म जिसमे फांसी की सजा हो वैसे अपराधीको जेल से बहार निकाल के खुद की टीम में ला देता था और उन सबका भगवान बनके बैठा था| और उन अपराधीको भी हाथ में पिस्तौल दे देता था ताकि सामने कोई आए या फिर उसे रोकने की कोशिश करे तो सीधा उसे थी थोक दे| दूसरी और रघुवंशी कहा था वो कोई जानता था क्या वो वापिस आएगा या फिर इस जुर्म से वो भी हारेगा| यह सब देखेंगे अगले हफ्ते |

 

अगले हफ्ते हम मिलेंगे नए साल में तब होगा एक जबरदस्त टर्निंग पॉइंट. तब  तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |

 

 

 

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