फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग - ४५ - १५ अक्टूबर २०२३


नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लेकिन उससे पहले आप सब को एक खास बात आजसे पवित्र नवरात्री शुरू हो चुकी है तो आप सभी मित्रो को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये | माँ जगदम्बा का आशीर्वाद आप सभी पे हमेशा बना रहे और आप सभी को खुशिया मिले ऐसी शुभकामनाये |


लास्ट टाइम हमने देखा की कैसे उस अनजान शख्स ने धमकी दी की सारा माल वही दरिया में दाल दे और अपने आप को पुलिस के हवाले करदे लेकिन अभी २:३० घंटे हो चुके थे एक तरफ उन लोगो के मन में डर था वही पे लोगो में एक आश जग रही थी की कैसे उन अनजान से मिले क्या वही रघुवंशी है? आखिर कौन है वो जिससे मिलने के लिए सभी एक रह देख रहे थे यहाँ पे एक तरफ उन गदारो के मन में टाइम के साथ साथ डर हो रहा था वही दूसरी और उन्हें लगता था की उसे क्या पता चलेगा वैसे भी उनके पीछे बहुत बड़े लोग है जो सबकुछ संभाल लेंगे|


यहाँ टाइम धीरे धीरे बढ़ रहा था और जैसे टाइम बढ़ता था वैसे दरिया किनारे भीड़  बढ़ती जा रही थी| अब कुछ ही मिनिटो की बात थी ३ घंटे पुरे होने में | तीन घंटे में अब कुछ ही समय था जो सब को एक झटका देने वाला था | सब आतुर थे आखिर कौन है वो जिसने सारा शहर को अबतक संभाल के रखा है| हर खतरे से बचके |


अब सिर्फ २ मिनिट बची थी और मनो की पूरा शहर ही वो नजरिया देखने आ चूका था | अब २ मिनिट में उन लोगो का दिल जोर से धड़क रहा था| जैसे ही दो मिनिट ख़त्म हुई उन गद्दारो के साथ सबने एक शांति वाली सांस ली| मनो की उनकी बॉडी में जिव वापिस आया हो लेकिन तभी दरवाजे खटखटाने की आवाज आती है और सभी लोग वापिस एक डर से देखते है तभी सब हथियार उठा के आते है और दरवाजे को खोलते है लेकिन वह पे कोई नहीं मिलता और दूसरी तरफ से एक चीख सुनाई देती है और वहा जा के देखते है तो वहा पे एक लाश मिलती है और एक चिट्ठी भी तुम्हारा टाइम ख़त्म , अब मेरी बरी है |


अब दूसरी और पे भी एक लाश मिलती है और धीरे धीरे करके सभी आंतकियो की लाश मिलती है और उन गदारो को छोड़ के सब मारे गए है और अब घोड़े की एक आवाज आती है | जब वो आदमी घोड़े से आता है तो लोग उनको देखके ही शोक में आते है और पैर पे बैठ जाते है और साथ साथ ही साथ बोलते है मालिक हमे माफ़ कर दो बहुत बड़ी गलती हो गई | अगली बार कभी ऐसा नहीं होगा| तभी वो घोड़ेसवार कहता है की सोर्री मेने पहले भी कहा था की मुझे गद्दार पसंद नहीं और वैसे भी मेने तुम्हे ३ घंटे का टाइम दिया था अब तुम्हारी बारी ख़त्म अब मेरी बारी है | दुआ  करना की अगले जन्म में हम ना मिले| 


मरने से पहले तुम्हारी कोई आखरी ख्वाहिश हो तो बोल दो वरना जिसके लिए तुम यह काम करते हो उनका नाम बोल दो में जनता हु वो इंडिया में नहीं है लेकिन पुरे इंडिया को कवर करना चाहता है तुम सिर्फ नाम बतादो शायद तुम्हे आसान मौत मिले | इसके बाद उन गदारो ने उसके नाम बतादिये और वादे की मुताबित उन तीनो को आसान मौत मिली| एक को ज़हर खिलाया दूसरे को चौथी मंज़िल से निचे फेक दिया और तीसरे को फांसी दे दी | 


अब बारी थी तो उन हथियार को और इन तीनो को ठीक लगाने की उन सब को लेके वो अनजान में हेलीकॉप्टर में समंदर पे पंहुचा | निचे काफी भीड़ थी लेकिन ऊपर से सबकुछ चींटी की तरह नजर आ रहा था | अब हेलीकॉप्टर को थोड़ा निचे किआ और वहा से हथियार के बैग्स एक एक करके निचे फेक दिए गए करीब २० बेग थे और उनके बाद एक एक करके उन तीनो गदारो की लाश को समंदर में फेक दिया गया|


अब अंदर से एक मास्क में बहार आके दरवाजे पे लटक के बोलै मिडिया और मेरे शहरवासी जैसे मेने वादा किया था इस शहर को क्राइम फ्री करना में कर चूका हु | यह आखरी गदार थे जिसको मेने कहा था उस तरीके से समंदर में उसकी लाशे बहा रहा हूँ लेकिन अभी भी मेरा देश मुक्त नहीं है अभी भी कोई उसे बहार से कंट्रोल करना चाहता है जो में नहीं होने दूंगा | यह सब मिडिया में रिकॉर्ड हो रहा था आखिर कौन है यह मास्क मेन ? उन गदारो ने इसे सरदार क्यों कहा ? क्या हो रहा था क्यों सब चौक रहे थे यह सारे सवाल के जवाब मिलेंगे अगला हफ्ते|


अगले हफ्ते तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |




 




 




 




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