फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग - ४३ - २० अगस्त २०२३




नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लेकिन उससे पहले आप सब को एक खास बात आप सब को एक बहुत ही बड़ा सरप्राइस आपको में देने वाले आने वाले कुछ टाइम में  लेकिन उसके लिए अभी मुझे आप सब की शुभेच्छाओं चाहिए और अब आगे चलते हमारी कहानी पे |


लास्ट टाइम हमने देखा की कैसे एक अनजान कॉल आता है और शहर के सारी पुलिस और मिडिया दुर्गम ब्रिज पे पहुंचते है और वहा पे ३ लाशे देखते है और इसी लाश के साथ सभी मिडिया में और पुरे शहर में एक ही चर्चा रहती है आखिर कौन है यह ? मामला जितना शांत लगता था उतना ही वो खींचा जा रहा था और साथ ही मामला बढ़ता ही रहता था जितना आसान था उससे कई ये खींचा हुवा था| कोई भी जगह पे यह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था | हर मिनिट एक नया ही खतरा मोड़ ले रहा था | सभी लोगो में एक चर्चा बढ़ी थी की ये रघुवंशी ही है जो इस जुर्म को खत्म कर रहा है|


बात धीरे धीरे शहर से गृह मंत्री तक पहुंच गई लेकिन अभी भी पुलिस नाकामयाब थी की कौन है जो एक एक करके सबको थोक रहा है? ब्रिज की घटना के बाद हर जगह पुलिस का नाकाबंदी था और वही दो दिन के बाद एक कार आती है और दो पुलिस वालो को उड़ा के शहर में इंटर होती है लेकिन उसी दौरान एक क्रेन उन कार को हवा में खींच लेता है और दूसरी साइड मिडिया में इसकी तस्वीरें आ जाती है साथ ही उन दो पुलिस अफसरों को अस्पताल में ले गया था | जब अस्पताल से पूछा तो डाक्टर ने कहा की कोई लम्बा आदमी उस गेट पे छोड़ के चला गया| और डाक्टर के वर्णन से वो रघुवंशी ही लग रहा था लेकिन मौजूद पुलिस ने इस बात को वहा ही दबा दिया ताकि हंगामा न हो जाये|


सभी लोग उस जगह पे पहुंचते है जहा क्रेन से उस गाड़ी को लटकाया था | जैसे तैसे फायर स्टाफ और बाकि लोगो की मदद से क्रेन को निचे लाते है और गाड़ी से उनलोगो को बहार निकलते है तो अंदर से दो लाशे निकली और उनके साथ एक चिट्ठी थी जिसमे लिखा था जब तक में जिन्दा हु तब तक मेरे शहर या शहर वाले को कुछ नहीं होगा | अगर तुमने प्यार से उन पुलिस वालो को उड़ाने के बाद अस्पताल पहुंचा दिया होता तो में माफ़ कार देता लेकिन तुमने उन पुलिस वालो को रस्ते में ही छोड़ के मोत के मुख में धकेल दिया तो तुम्हे भी जिन्दा रहने का कोई हक नहीं| ऊपर जाके आराम से गाड़ी चलना| जय हिन्द |


कौन है यह सवाल अभी भी वही है लेकिन लोगो की आशा या फिर शंका बढ़ती जा रही है| क्या यह सच में रघुवंशी है?कुछ हफ्तों में इसका जवाब भी मिलेगा और कुछ बड़े धमाके भी होंगे| लेकिन आज इतना ही| अगले हफ्ते तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |

 

 

 

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