फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -२७ - १७ अप्रैल २०२२

 


नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| अभी अभी नवरात्र खत्म हुवे है और हम सब जानते है की नवरात्र बुरी शक्तिया पे विजय पाने के लिए मनाया जाता है सभी पुराणों और प्राचीन कहनियो में भी वही बताया था की कैसे बुरी शक्तिया को खत्म किया गया था लेकिन यहाँ पे बुरी शक्तियों का मार बढ़ते ही जा रहा था लेकिन लास्ट हफ्ते हमने देखा था इसी तरह आज बहोत बड़ा टर्निंग पॉइंट आने वाला है तो आइये ज्यादा टाइम न लेते हुवे स्टार्ट करते है |


लास्ट टाइम हमने देखा की इब्राहिम मोत का दूसरा नाम बन चूका था जिस बम्बई को मस्तान ने अपनी माशूका की तरह रखा था उसी बम्बई को इब्राहिम ने एक गुलाम बना दिया था और अब मस्तान भाई वापिस आ रहे थे जैसे ही मस्तान भाई का प्लेन बम्बई लेंड हुवा की मस्तान भाई को एक अलग ही एहसास आया जो लास्ट एक महीने से विदेश की धरती पे नहीं मलिए था उसने तुरत मिटी को सर पे लगा के चूमा और जय बम्बई बोले | मस्तान भाई के साथी उसे एयरपोर्ट पे लेने आये थे लेकिन बम्बई आने की ख़ुशी और विदेश से लौटके खुशिओ लेके आने से मस्तान भाई ने अपनी ही जबान चलाई उसके साथी की बात ही नहीं सुनी लेकिन कहते है न छोटी छोटी गलती की हमे बड़ी सजा भुगतनी पड़ती है लेकिन यहाँ तो मस्तान भाई ने पूरा का पूरा राजपाट एक शैतान को दे दिए था अब क्या होगा?


मस्तान भाई हर वख्त सिग्नल पे गाड़ी रुके तो गरीब को पैसे देते थे और कहते थे की दुवा में याद रखना उस टाइम भी गाड़ी सिग्नल पे रुकी लेकिन इस बार अभी मस्तान भाई पैसे दे उससे पहले एक गरीब औरत आई और मस्तान भाई के मुंह पे थूंक के उसे बद्दुवा दी मस्तान भाई का जैसे दिल ही टूट गया हो उसने एक नमी सी आँखों से अपने साथी के सामने देखा और उसके साथी ने उसे साड़ी बात बताई अब मस्तान भाई को गुस्सा आया क्योकि जिस बम्बई को वो अपना घर मानता था वही बम्बई को किसी ने नर्क बना दिया था |


मस्तान भाई गुस्से में इब्राहिम से मिलने गए लेकिन इब्राहिम उस वख्त किसी के साथ अपनी रात को रंगीन कर रहा था  मस्तान ने गुस्से में आके दरवाजा तोड़ दिया और अब इब्राहिम को बोलै कहा था न तुझे की बम्बई मेरी माशूका है उसके ऊपर आँख भी उठाई तो जिन्दा जला दूंगा तूने तो अपनी हैवानियत दिखा दी कल सुबह तक तू मुझे बम्बई से  बहार चाहिए और मस्तान भाई ने अपने साथी से कहके एक सभा का आयोजन किया ताकि लोगो को सच्चाई मालूम हो और सबसे माफ़ी मांगे साथ ही उसने बम्बई को पहले जैसा करने का आदेश दिए | लेकिन यहाँ पे इब्राहिम को जतका लगा था उसने तो इस बम्बई को मस्तान की जगह खुद की महबूबा मानली थी अब क्या होगा? इब्राहिम ने सोचा जंग और प्यार में सब जाहिश है और उसने कहा की में ही गलत था में सोचता था की हम दोनों मिलके इस साम्राज्य को संभलेगा लेकिन राजा एक ही होता है और वो राजा में ही बनूँगा | वैसे भी मस्तान ने ही मुझे एक महीने के लिए बनाया था और लोगो की नजर में जितना मस्तान की इज्जत थी उससे ज्यादा खौफ इब्राहिम का था अब उसने तय कर लिया की कल का उसके लिए नहीं लेकिन मस्तान के लिए आखरी दिन होगा सब के सामने वो मस्तान को ठोकेगा |


यहाँ लोगो को आज भी मस्तान पे भरोसा था | मस्तान ने सोचा की एक - दो हजार लोग आएंगे लेकिन यहाँ पूरा का पूरा बम्बई हाजिर था मस्तान ने सबसे माफ़ी मांगते हुवे कहा और साथ ही विदेश आने से जो तोहफा लाये थे अपने बम्बई के लिए वो भी कहा लेकिन काश वो अपनी बम्बई को यह तोफा दे पते क्योकि उसी वख्त इब्राहिम हाथ में घोडा लेके आया पूरा गुस्से में और उसने वह के पुलिस को भी पहले से ही अपना कर दिए था वो सबके सामने आया और इधर दोनों की एक नजर हुई उसी वख्त इब्राहिम ने घोडा निकला और ६-६ गोलिया मस्तान को थोक दी जहा पे लोगो का प्रेम मस्तान के लिया आया था वही इब्राहिम के खौफ से लोग भागने लगे और इब्राहीम भी गायब हो गया | उस हादसे के बाद इब्राहिम कहा गया वो किसी को नहीं मालूम लेकिन बम्बई पे उसका राज हमेशा रहा और बम्बई के साथ उसने पूरा इंडिया अपनी बाहोंमे करना चाहा लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा | आखिर मस्तान भाई की बम्बई फिर से आजाद पंछी की तरह रहेगी या किसी के खौफ में ही रहेगी सवाल काफी है लेकिन जवाब धीरे धीरे मिलेगा | यहाँ पे एक बुरी शक्ति का विजय हुवा था वही पे राम के वंशज रघुवंशी को हैदराबाद में पोस्टिंग हुई अब क्या बम्बई और हैदराबाद में कोई कनेक्शन आएगा ? क्या रघुवंशी इब्राहिम से बम्बई को आज़ाद करेगा? या फिर वो भी इसी तरह अपनी जान गवाएंगे | वो सब देखेंगे अगले हफ्ते |


दोस्तों मिलते है अगले हफ्ते  तब तक आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |












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