फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -१८ - १७ जुलाई २०२१




नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लास्ट टाइम हमने देखा था की किस तरह बम्बई में आंतक का दर्द बढ़ रहा था और कैसे मस्तान भाई की और से उसको ग्रीन सिग्नल मिल गया था और अब उस आंतक की राह पे आगे बढ़ रहा था | आंतक के साथ साथ वो पुरे इंडिया को अपना बनाने लगा था वही पे रघुवंशी अपनी तेजी से आगे बढ़ रहा था और अब तेजी के चलते चलते अपनी वर्दी पे मैडल बढ़ते जा रहे थे | 


कहते हे की जो अच्छा करते वही पे मुसीबते आती है पर आखिर में लोग भी उसकी कदर करते है | यहाँ पे आंतक का बाप आगे बढ़ रहा था वही पे दो और शैतान पैदा हो रहे थे और उन्हों ने आंतक की दुनिया में अपना कदम रख दिया था अभी उसे सिर्फ आगे बढ़ना था और अंडरवर्ल्ड की दुनिया की रह में जो एकबार कदम रखते है वो आगे बढ़ने का अगर ना चाहे तो भी वो आगे बढ़ता ही जाता हे | अगर वो आगे नहीं जाते तो सीधा ऊपर जाते है |  वही दूसरी जगह रघुवंशी थोड़ा रिलेक्स होने के लिए वेकेशन का प्लान कर रहा था और वो अपने गांव जाने का सोच रहा था लेकिन एक अफसर की लाइफ उसकी जॉब निभाने में ही चली जाती हे ठीक वैसे ही रघुवंशी पूरी तयारी के साथ ही अपने गांव जाने के लिए निकलने ही वाला था की उसकी ट्रांसफर के लिए पैगाम आ गया | उसका ट्रांसफर बंगाल के कोई गांव में लगा | और दो दिन के बाद उसका पोस्टिंग था तो उसने आज ही निकलने का सोचा |


बंगाल रघुवंशी के लिए नई था पर आंतक के लिए नहीं | आंतक का दूसरा नाम बंगाल था | हर वख्त गुंडागिरी और हर टाइप का क्राइम का सेंटर था और उसे वह हर वखत गुनाहो की दुनिया से लड़ना था जैसे की राम जी को लंका में भेज दिया हो | रघुवंशी बिहार के लिए निकला और सर पे कफ़न बांध लिया की चाहे कुछ भी हो जाये पर बिहार का गुंडाराज खत्म करेगा | बिहार पे स्टेशन पे उतरते ही रघुवंशी को वहा के गुंडाराज का अनुभव हो गया | रेलवे स्टेशन पे उतरते ही एक फरियाद सुनी की किसी का गला काट के चैन निकल दिया और वही जैसे रघुवंशी बहार आके उसका पता पूछा तो चार पांच मवालियो ने उसे बोलै की टेक्सी में चला जा और उसका बटवा लेके पैसे निकल दिया | रघुवंशी ने पूछा की किस बात के पैसे तो बोलै की अबे ऐड़े पता पूछा तो पैसे निकल लेकिन रघुवंशी गुस्से को कंट्रोल करके शांति से बात करने लगा तभी एक ने रघुवनाशी का कॉलर पकड़ा और मरने ही वाला था तभी एक गन्ने वाला आया और रघुवंशी को उन मावलीओ से बचा के ले गया और बोलै की सर जाने दो यह सबका रोज का है | आप जाने दो और वो टैक्सी में बैठा लेकिन अभी उसका ध्येय यद् आया और उसने टैक्सी वाले को बोलै की दो मिनिट रुको में आया और वो टैक्सी से उतरा |


टैक्सी से उतरते ही रघुवंशी उन मावलीओ के पास पहुंचा और वह मावलीओ ने भी गालिया बोल के वह का एटमॉस्फियर बिगड़ दिए , पर रघुवंशी ने वही गन्ने वाले से २ गन्ने का डंडा लिया और दो मावलीओ को वही पे मारा और दूसरे मावलीओ को भी मारने लगा और यह देखते ही दूसरे मावलीओ में भी एक डर पैदा हो गया | एक एक करके सरे गन्ने को करके उन मावलीओ को मारा और बाद में सबके कपड़े निकल के वही पे नंगे करके मारा और सब को घायल कर दिए तभी दो पुलिस अफसर आ गए और तभी रघुवंशी ने उसका इंट्रो दिए की तुम्हारे शहर का नया आईएएस | उन चार मावलीओ को तो रघुवंशी ने गिरफ्तार कर दिया लेकिन अभी तो आंतक का पूरा राज था | 


क्या रघुवंशी इस आंतक की दुनिया को खत्म कर पायेगा या फिर वो ही इस जुर्म की दुनिया के सामने मिट जायेगा | हर कदम एक नई चुनौती हे लेकिन रघुवंशी अकेला क्या वो चुनौती को पार क्र पायेगा ह सब अगले हफ्ते तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |


 


 


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