फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -१७ - २० जून २०२१




नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की| लास्ट टाइम हमने देखा था की किस तरह बम्बई में आंतक का दर्द बढ़ रहा था और कैसे मस्तान भाई की और से उसको ग्रीन सिग्नल मिल गया था और अब उस आंतक की राह पे आगे बढ़ रहा था |


अब हर गलत काम की मंजिल एक ही थी और सब की मंजिल पे एक ही नाम होने की शुरुआत थी | कहते हे अगर थोड़ी सी मेहनत से कुछ चीजे मिल जाती तो हम और हमारा ड्रीम ज्यादा ही बढ़ जाता हे और उस ड्रीम को पाने में कभी कभार हम सारे हद और मुकाम पार कर जाते है| यही तूफान उस वख्त बम्बई के दरिये में और उस आंतक के दूसरे नाम में था |


दूसरे ही दिन बम्बई में हर जगह से गैरकानूनी चीजे और हर महंगे जेवर बिना ही किसी के खौफ के आ रहा था | बम्बई की पुलिस भी अब न काम थी और वही मस्तान का खौफ लोगो में और बढ़ गया था | हर गैरकानूनी काम करने वाले को मस्तान भाई के आगे झुकना पड़ता था | बम्बई उसकी गर्लफ्रेंड बन गई थी | अब उसकी महबूबा की बहो और उसपे किसी और की नजर थी | मस्तान भाई ने उसपे अँधा यकीं करके उसे बादशाह का बीरबल बना दिया था अब अकबर के बीरबल को भी बादशाह बनना था पर उसका ध्येय बम्बई नहीं बल्कि पूरा इंडिया था अब इंडिया में कोई आंतक बढ़ने जा रहा था पर उसी के सामने एक बाहोश और निडर पुलिस अफसर भी था अब वो अफसर क्या करेगा क्या इंडिया को बचा पायेगा या फिर वो  भी इस तूफान में मिट जायेगा |यह सब अगले हफ्ते तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |

 

 

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