फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -९ - २० सितंबर २०२०

 


 

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की और आज बहुत ही खास टर्निंग पॉइंट आएगा तो चलिए ज्यादा समय ना बिगड़ते स्टार्ट करते हे |

 

लास्ट टाइम हमने देखा था की कैसे रघुवंशी ने एक स्पेसियल फ़ोर्स बनाके शेखर को ऊपर से निचे तक हिला दिया था और अब शेखर को बहार आने पर मजबूर कर दिया था | शेखर ने मंत्री से लेकर हर गुंडे तक हर रस्ते आजमाए लेकिन वह फेल हुवा तभी उसने अंडरवर्ल्ड के कुछ लोगो का साथ लिया और रातोरात उसने मंत्री मंडल में अपना स्थान जमा दिया और १० दिन के बाद वो चुनाव लड़ने वाला था और अब पूरी बाज़ी शेखर के हाथ में थी | शेखर ने रघुवंशी के जेल से उनके सारे सागरितो की बैल करवा दी और छुड़वा दिए | अब एक हफ्ते जितना टाइम बचा था और रघुवंशी की स्पेशल फौज भी सस्पेंड की गई और हर घंटे अब रघुवंशी को फिर से धमकी और मर्डर के फोन शुरू हो गए थे पर रघुवंशी सच होने के बावजूद भी कुछ नहीं कर सकता था और ऐसे ही दिन बीते जा रहे थे |

 

रघुवंशी के साथ साथ हर वो ईमानदार अफसर हार चुके थे कोई भी जगह जित की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही थी और अब सिर्फ ४८ घंटे थे अगर रघुवंशी ने इस ४८ घंटे में कुछ नहीं किया तो पुरे डिपार्टमेंट में उसकी इज्जत निकल जाएगी और पूरा स्टेट शेखर के इशारो पे आ जायेगा कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी | एक टाइम रघुवंशी ने सोचा की अभी जाके शेखर को मार दे और उसकी सजा पर भुगत ले और यह तय करके वह शेखर को मरने जा रहा था तभी उसकी लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट आया उसे उसकी माँ का फोन आया और उनसे बात करने के बाद उसे एक रास्ता नजर आया | रघुवंशी सीधा अपने घर गया और वह जाकर अपने मंदिर में भगवदगीता लेकर बैठा | कहते की दुनिया की किसी भी तकलीफ का जवाब श्रीमद भगवदगीता में हे और उसे भी यह जवाब मिल गया पर अब सिर्फ १२ घंटे ही बचे थे और उसने एक आइडिया लगाया | भगवदगीता में लिखा हे की अगर एक जूठ से किसी का भला हो तो वोह जूठ पाप नहीं हे और उसने गलत तरीके से शेखर को कॉल करके बुलया अपने थाने में और बाकि सारे अफसर भी उसके साथ इस प्लान में उसका साथ दे रहे थे | शेखर को जूठा कॉल आया था पर उस कॉल ने शेखर को गुस्से में ला दिया था और शेखर और उसका साथी दोनों रघुवंशी के थाने में आये और अब कमरे में सिर्फ रघुवंशी और शेखर के दो लोग थी थे | रघुवंशी ने अब शेखर को बातो में उलझाया और शेखर को और गुस्सा दिलाया पर उसी वक्त शेखर का आदमी रघुवंशी को मारने खड़ा हुवा लेकिन रघुवंशी ने उसे मर गिराया और अब शेखर भी गुस्से में आकर गालिया बोल रहा था तभी रघुवंशी ने बन्दूक निकली और अपने कंधे पर खुद की बन्दूक से गोली छोड़ दी और बन्दूक शेखर को दे दी | गोली की आवाज से बाकि सरे पुलिस अफसर अंदर आये तो शेखर के हाथ में बन्दूक थी , उसका साथी जमीं पे था और रघुवंशी के कंधे पर गोली थी और उसने कहा शेखर ने उसे गोली मरी और यह सुनते ही शेखर सच में गोली चलाने गया लेकिन बाकि सरे अफसर ने उसी टाइम शेखर को गोलियों से मर डाला और शेखर के आदमी को रघुवंशी ने सबूत के डोर पर रजू किया और एक आंतक का खत्म किया |

 

शेखर ने जिन लोगो की हत्या की थी उन सभी के परिवार वाले रघुवंशी को आशीर्वाद दे रहे थे पर अब आगे क्या होगा क्योकि रघुवंशी ने जुर्म की उस दुनिया का पहला सीडी चढ़ चूका था और अभी पूरी इमारत बाकि थी | क्या रघुवंशी जुर्म की इस इमारत को गिरा पयेगा? जानने के लिए पढ़ते रहीये और कोरोना के इस प्रभाव से सुरक्षित रहिये | कहानी ऐसे ही आगे चलती रहेगी लेकिन फ़िलहाल इतना ही | आगे की कहानी अगले हप्ते तब तक गुडबाय |अगले महीने तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |

 

 

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