फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -८ - १६ अगस्त २०२०

 

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो तीसरा हप्ते में हम बात करते हे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की और पिछले हफ्ते ऑगस्ट का तीसरा हफ्ता था लेकिन कुछ जरुरी काम काज की वजह से पब्लिश नहीं हो पाया और आज हो रहा हे तो सबसे पहले उसके लिए में माफ़ी चाहता हु दोस्तों और आपके इंतज़ार के लिए शुक्रिया दोस्तों|

 

लास्ट टाइम हमने देखा था की शेखर कैसे अंगूठा लगाके चला गया और उसके मन में रघुवंशी के प्रति जो द्वेषभाव था वह बढ़ चूका था अब किसी तरह से वह उस रघुवंशी को दिखाना चाहता था और यहाँ पे रघुवंशी भी जनता की शेखर चुप नहीं बैठेंगे लेकिन फिर भी वो अपनी पुलिस की जॉब पूरी ईमानदारी और निष्ठां से कर रहा था लेकिंग ईमानदारी की कोई कदर नहीं होती यह पूरी दुनिया ही जुर्म की थी वहा एक से एक जुर्म के बादशाह थे और इस दुनिया को ख़त्म करने रघुवंशी दरवाजे पे ही खड़ा था | एक हफ्ते के अंदर रघुवंशी का ट्रांसफर हुवा और बरोदा में हो गया अब ट्रांसफर हुवा था तो जाना तो पड़ेगा ही पर नया शहर , नए लोग और इन सब के बिच एक नयी जगह | रघुवंशी अपने टाइम पर ही नै जगह पहुंच गया और अभी नए थाने में कदम ही रखा था की एक साथ 30-४० गाड़िया आ गई और उनमे से शेखर पूरी फौज लेके सीधा अंदर आ गया और बोलै शोक लगा , २५० मीटर की दुरी पर आके ४४० वोट का शॉक लगा तुजे क्या लगा तेरे पास वर्दी हे तो कुछ भी करेगा तूने मुझे तेरे गांव में बुलाया था इसलिए मेने तुजे यहाँ बुलाया मेरे पास अब तू देख , तू भी यहाँ ही मरेगा मेरे सामने और हां अपने हाथ से गोली मारेगा | इतना कहते ही वो निकल गया और दूसरे कुछ ईमानदार लोग ने उसे पूछा सर आप जानते हे इसे और उसने पूरी कहानी बताई और कहानी जानकर दो अफसर को लगा की ये कुछ करेगा ये शेखर और उसके जुर्म को ख़त्म करेगा और उनकी हिम्मत लोट आई उसने शेखर के खिलाफ सारे एविडेंस रघुवंशी को दिए और उसने पुराने केस वापिस ओपन किये लेकिन रघुवंशी को हर दिन मोत से बचना पड़ता था और उसे शेखर के लोग और शेखर मेंटली प्रेसर देते थे लेकिन उसकी हिम्मत को नहीं तोड़ पाए और एक दिन रघुवंशी ने अपना होश खो बैठा | रघुवंशी एक सोमवार को सोचा की यह जॉब छोड़ के वापिस गांव चला जाये और उसी दिन यह सोच के वो वहा के सर्वेश्वर महादेव के दर्शन करने गया और वहा पे उसको एक बच्चा मिला जिसके पापा को शेखर ने मारा था | रघुवंशी  उसे बाय बोल के निकल रहा था की फिर से शेखर के लोगो ने उस पर हमला करने की कोशिश की और वो बच्चा रघुवंशी से लिपट कर बोला की अंकल आप जाओगे तो यह मां को  भी मारेंगे उसके यह एक लाइन ने रघुवंशी का होश तोड़ दिया और रघुवंशी ने पैर से एक पत्थर उठाया और शेखर के एक आदमी को मार गिराया और आगे बढ़ा | रघुवंशी को आगे बढ़ता देखके दूसरे आदमी भागने लगे पर अब क्या शेर शिकार को निकला था उसने बाकि एक एक को पकड़ कर कुत्ते की मोत मारा और चार्जशीट की लेकिन शेखर ने उसे जेल से निकल दिया अब रघुवंशी के अंदर की आग बढ़ती गई और उसने उसके खिलाफ सारे सबूत एक किये और पुरे डिपार्टमेंट से उन ईमानदार अफसर की एक प्राइवेट फौज बनाई | और फिर सीधा मिनिस्टर से उसने कोन्टेक किया और एक ऑपरेशन फाॅर्स बनाई जो किसी भी जगह बिना पूछताछ के हर उस गैरकानूनी काम को रोक शक्ति थे और उसने शेखर के उन सभी गैरकानूनी काम को एक एक करके बंद करना शुरू किया और शेखर को अपने साम्राज्य से बहार निकलने पर मजबूर किया सिर्फ ४८ घंटे में शेखर और ऊपर तक सब लोग हिल गए और तत्कालीन एक मंत्री बैठक बुलवाई गई जो रघुवंशी को सस्पेंड करे अब क्या होगा यह ऑपरेशन आधा ही रहेगा? क्या रघुवंशी सस्पेंड हो जायेगा? जानता हु ऐसे कई सवालों आपके मन में आ गए होंगे लेकिन उन सभी सवालों के जवाब अगले हफ्ते तब तक घर पे रहिये और सुरक्षित रहे और प्राथना करे की जल्द ही यह संकट भी दूर हो जाये और हम सब सलामत रहे  कहानी ऐसे ही आगे चलती रहेगी लेकिन फ़िलहाल इतना ही | आगे की कहानी अगले हप्ते तब तक गुडबाय |अगले महीने तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |

 

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