फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -६ - २१ जून २०२०
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो की आज तीसरा हप्ता जून का और आज बात करेंगे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की | तो आइये ज़्यादा टाइम न लेते शुरू करते हे| लास्ट टाइम हमने देखा था की बम्बई की सड़को पे खौफ और दर्द के साथ साथ नंगा नाच बढ़ते जा रहा था और यहाँ रघुवंशी जो पुलिस में ज्वाइन होने की तयारी कर रहा था | अभी कुछ दिनों की देरी थी तो उसने अपने फेमिली के साथ टाइम बिताने का सोचा था और वोह अपने फेमिली के साथ घर पे गया था | कहते ही धरती का छेड़ा घर और जब फेमिली साथ हो तो टाइम कहा जाता था हे वह मालूम ही नहीं पड़ता और ड्यूटी ज्वाइन करने का समय हो गया बस अब इंतज़ार था तो आज की रात का कल सुबह सूरज की किरण एक नया मोड़ लेने वाली थी | कुछ नयी जिम्मेदारी और एक नया सफर शुरू होने वाला था बस यही उल्जन में ये रात बीत जाएगी अब नींद न रात भर आएगी | अभी तो आंख लगी थी और यहाँ सूरज ने पहली किरण दी , चिडियो ने बंग दी , और एक नयी मोड़ की शुरुआत हो गई | वो फर्स्ट टाइम अपने यूनिफार्म में अपने आप को देख के खुश हो रहा था और दिल में थोड़ी गभराहट भी थी | आखिर इस गभरहट का कारन भी तो था की वो पहला दिन | वो तैयार हो के अपने माँ-बाप का आशीर्वाद लेकर ड्यूटी पे निकला पर उसकी रफ़्तार एक शेर की तरह ही | बुलेट पे सवार होक उसको देखने के लिए सारा गांव एक हो गया | वो जल्द ही अपने थाने पे पहुंच गया वैसे तो थाना छोटा था लेकिन एकदम साफ और वह पे दो कॉन्स्टेबल भी थे जो की एकदम प्रामाणिक और अच्छे थे | साथ ही साथ आसपास में भी सब जान पहचान वाले ही क्योकि उसी गांव का था तो बचपन से सब से जान पहचान थी वो जल्द ही अपना बुलेट पार्क करके अंदर पंहुचा और अपना नाम प्लेट देखकर मन ही मन में गर्व लेने लगा और अपनी कुर्सी पे बैठा और सामने ही भारत माँ का फोटो देखकर एक प्राथना की हे माँ मुझे उतनी ताकत देना की में अपने काम के प्रति सदा एक निष्ठ रहु में अपना हर काम पूरी कर्तव्य निष्ठां से करू मेरी वजह से किसी निर्दोष को सजा न मिले चाहे उसके लिए मुझे गुनेगार को माफ़ करना पड़े और में इस जुर्म की दुनिया को ख़त्म कर सकू | अभी इतना ही प्राथना हुई थी की छोटू चाय ले के आ गया और शायद कहते की भगवन दिन में एक बार तथास्तु बोलता हे और उस वक्त जो हम बोलते हे वो सच हो जाता हे बस शायद ये वही समय था | उसकी बात सच होने जा रही थी | वैसे तो गांव छोटा था और कोई जुर्म भी उतना नहीं था तो शांति से चल रहा था एकदम राम राज्य की तरह | लेकिन एक दिन १०-१२ साल पुराना एक केस था जिसकी जिम्मेदारी इस थाने पे आई थी और रघुवंशी खाने पे गया था तभी दो आदमी उस केस के लिए हर महीने साइन करने आना पड़ता था और ये दो आदमी मुख्या सूत्रधार नहीं लेकिन उसके पंटर लोग थे और आसानी से वोह लोग वह पे साइन करके जा रहे थे लेकिन तभी इसकी थाने पे एंट्री हुई और उसने उन लोगो को उसका पता पूछा लेकिन उन लोगो ने गलत बताया तो रघुवंशी ने उसका आई-डि प्रूफ माँगा जो की था नहीं और वोह दोनों पकडे गए और उसने कबूल लिया की वो कोई और हे और रिश्वत देने की कोशिश की लेकिन अभी इसका दिमाग हिल गया और उसने एक को वही पे मार गिराया और दूसरे को तो यह देखते ही पेशाब छूट गया लेकिन अभी उसके पास और कोई रास्ता भी नहीं था और उसने कहा की माफ़ कर दो साहब फिर रघुवंशी ने कहा की ४ घंटे हे तुम्हारे पास ४ घंटे में मुझे वो आदमी जिसका नाम शेखर था जिसके ऊपर मर्डर , किडनेपिंग जैसे कई गुना थे लेकिन पॉलिटिक्स और माफिया की वजह से वो आधे गुजरात पे राज करता था और ऐसे कई गुना करता था उसे बुलाने को कहा और साथ ही में कहा अगर वो ४ घंटे में नहीं आया तो अगले २४ घंटे में उसे कुत्ते की तरह खींच के लाएगा | सिर्फ ४ घंटा वो ट्रैन से आये , प्लेन से आये या चलते आये पर अगले ४ घंटे में वो मुझे चाहिए | आप लोग सोच रहे होंगे की जो खुद ही इतना बड़ा गुनेगार हे वो सच में आएगा की नहीं ? या फिर ये फिल्मी सिन हो गया पर ये सभी जवाब मिलेंगे अगले हफ्ते तब तक घर पे रहिये और सुरक्षित रहे और प्राथना करे की जल्द ही यह संकट भी दूर हो जाये और हम सब सलामत रहे कहानी ऐसे ही आगे चलती रहेगी लेकिन फ़िलहाल इतना ही | आगे की कहानी अगले हप्ते तब तक गुडबाय |अगले महीने तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |
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